दिल और दिमाग की उलझन में..
पृष्ठभूमि : प्रस्तुत कविता के माध्यम से मैं एक गहरे आंतरिक संघर्ष या मन और दिल के बीच की कठिनाई को व्यक्त करना चाह रहा हूँ। कविता एक परिस्थिति का वर्णन करती है, जहाँ एक ओर दिल की भावनाएं और दूसरी ओर दिमागी तर्कशील विचार टकराते हैं, जो इंसान के अंदर अपनी आंतरिक महकमे की विपरीत भूमिकाएं उत्पन्न करती हैं। मानव अनुभव की पेचीदगी को … Continue reading दिल और दिमाग की उलझन में..