तूफ़ान..

अगर अब आना ही हो ज़िंदगी में
तो तूफ़ान की तरह आना

यू आते जाते झोकों से
वाकिफ़ बहुत है हम..

हम वो पत्थर बन गए है ठोकरें खाकर
के अब मुश्किल सा लगता है
फिर से बह जाना..
उन हवाओं के झोकों के साथ,
जिनका आना न आना
अब कोई मायने नही रखता..

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