तुझसे बिछड़कर इतने दिनों बाद
आज भी तुझसे इतना प्यार क्यों है ?
जानता हूं तुझे पाना मुमकिन नहीं
मुझे फिर भी तेरा इंतजार क्यों है ?
तुझे भुलाने की हर कोशिश की
फिर भी दिल ये बेक़रार क्यो है ?
मेरी रातों के सपने, खयालों में भी
हर जगह तेरा चेहरा हरबार क्यों है ?
सोचता हूं कभी तुझसे बात करूं
मुझे तेरी चाहत का ये खुमार क्यों है ?
कभी होती थी हर रोज बातें तुझसे
आज अपने दरमियां ये दीवार क्यों है ?