Kartik Mishra

गुज़ारिश..

एक गुज़ारिश है तुझसे,
दोबारा मेरी ज़िंदगी में मत आना..

क्या पता कब तुझे एहसास हो जाए,
मेरे प्यार को शायद से तू समझ जाएं,

पर सच कहता हूं तब तक
काफी देर हो चुकी होगी..

हो सकता है तू बोल भी दे,
लेकिन मैं सुन न पाऊँ..

हो सकता है तू इशारे भी करदे,
पर शायद मैं समझ न पाऊँ..

हो सकता है तू रो भी दे,
पर मैं तेरे आँसू पोछ न पाऊँ..

शायद तब तक इस दुनिया में
मैं खुद को रोक न पाऊँ..

©Kartik Mishra 2017

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